नाथ हमरो के तारीं शरन अइनी जी…..- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है भोजपुरी में शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :—-—

नाथ हमरो के तारीं शरन अइनी जी ।
गणिका के तरनी अजामिल के तरनी,
पापिन्ह के तरनी जिनिगिया सुधारी ।
शरन अइनी जी ।
नाथ हमरो के तारीं………….
शबरी के तरनी अहिल्या के तरनी,
तरि गइलें केंवट चरनियाँ पखारी ।
शरन अइनी जी ।
नाथ हमरो के तारीं………..
बाली के तरनी बिराध के तरनी,
खर के भी तरनी कहइनी खरारी ।
शरन अइनी जी ।
नाथ हमरो के तारीं………..
द्रौपदी के तरनी बिदुरानी के तरनी,
गज के भी तरनी गराह के मारी ।
शरन अइनी जी ।
नाथ हमरो के तारीं………..
सबके त तरनी और सबके उधरनी,
अबकी ‘ब्रह्मेश्वर’ के बारी ।
शरन अइनी जी ।
नाथ हमरो के तारीं………..

 

रचनाकार

  ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र