प्रस्तुत है मेरी रचना ‘प्रभु जी के द्वारे चलो’—–
चलो रे मन प्रभु जी के द्वारे चलो ।
काम क्रोध मद को विसारे चलो ।।
चलो रे मन प्रभु जी के………..
अवध पवित्र धाम,
प्रगटे जहाँ श्रीराम,
सरयू किनारे चलो ।
चलो रे मन प्रभु जी के………..
गोकुल बृन्दावन,
जहाँ गूँजत बंशी धुन,
यमुना किनारे चलो ।
चलो रे मन प्रभु जी के………..
काशी परम धाम,
शिव देत मंत्र नाम,
मुक्ती के द्वारे चलो ।
चलो रे मन प्रभु जी के………..
रचनाकार :
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र