तेरा सेवक पड़ा है तेरे द्वार……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी ये रचना माता का शरणागत भजन :———

तेरा सेवक पड़ा है तेरे द्वार ,
मैया खोलो दुअरिया ।
बहुत दिनन मैया सेवा मैं कीजौ ,
अब तक मैया काहे दर्शन न दीजौ ,
नैना थकित भए हमार ।
मैया खोलो दुअरिया ।
तेरा सेवक पड़ा है तेरे द्वार ,
मैया खोलो………..
मैया तेरी मैं तो शरण में आया ,
पावन चरन में मैं शीष झुकाया ,
कब होइहैं किरपा तोहार ।
मैया खोलो दुअरिया ।
तेरा सेवक पड़ा है तेरे द्वार ,
मैया खोलो………..

रचनाकार :

ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र