रे मन भजले कृष्ण कन्हैया…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी रचना भगवान कृष्ण का भजन :—–

रे मन भजले कृष्ण कन्हैया ।
नन्द नन्दन घनश्याम मुरारी,
यशोमति गोद खेलैया ।
रे मन भजले…………
मोर मुकुट पीताम्बर धारी,
बंशी के बजवैया ।
रे मन भजले………….
ग्वाल बाल संग धेनु चरावत,
कालिय नाग नथैया ।
रे मन भजले…………..
माखन चोर गोबर्धन धारी,
बन में रास रचैया ।
रे मन भजले………….
मुरली मनोहर नटवर नागर,
भवसागर के खेवैया ।
रे मन भजले…………..
राधेश्याम शरण मैं आयो,
पार लगादो नैया ।
रे मन भजले…………..

रचनाकार

 
   ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र