लागी लगन मोहे राम चरनन, मगन भयो मन भजन में……..   ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है छन्द में लिखी मेरी ये रचना शरणागत भजन के रूप में :—

लागी लगन मोहे राम चरनन, मगन भयो मन भजन में ।
गणिका अजामिल गिद्ध की, लागी लगन जेहि चरन में ।
सोइ चरन लागी लगन मोहे, आयो श्रीहरि शरन में ।।
लागी लगन मोहे राम चरनन……………

केवँट अहिल्या भीलनी, जेहि चरन की अनुरागिनी ।
सोइ चरन लागी लगन मोहे, नाम श्रीहरि जपन में ।।
लागी लगन मोहे राम चरनन……………

कपि भालु कोल किरात की, लागी लगन जेहि चरन में ।
सोइ चरन ब्रह्मेश्वर कि लागी, लगन हरि हरि रटन में ।।
लागी लगन मोहे राम चरनन…………..

 

रचनाकार

   ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र