खबरीलाल पिछले तीन दिनों से दुर्गा पूजा पंडालों , शहर के मुख्य सड़कों और थानों का चक्कर लगाकर अपराधों के समाचार एकत्रित कर रहे थे . सम्पादक महोदय का विशेष आदेश था . उनके इस प्रसिद्द हिंदी दैनिक समाचार पत्र के सम्पादक नए आए थे . उनकी धाक जम नहीं रही थी . पुलिस अधीक्षक उनकी पैरवी सुनते नहीं थे . छत्तीस का आंकड़ा हो गया था .सम्पादक ने नया प्रयोग किया. दशहरे में अपराधों का शहर उसे बताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी . पुलिस कप्तान भी घाघ थे . उन्होंने समाचार पत्र के मालिक के पास पैरवी लगा दी . सम्पादक महोदय की ही बदली दशहरे के दिन हो गयी . लेकिन अगले दिन छपने वाले साक्षात्कार को तैयार कर खबरीलाल उनके पास इस अनभिज्ञता से गए कि उन्हें उनकी बदली की खबर नहीं मिली है .सम्पादक महोदय जल्दी में साक्षात्कार बिना देखे बोल गए – छाप दो . अब दशहरे के दूसरे दिन साक्षात्कार जो छपना था , उसे उपसंपादक ने गलती से सार्वजनिक कर दिया . पाठकों के हितार्थ उसे अब मैं भी सार्वजनिक करता हूँ .
खबरीलाल – भैया जी , आप आगामी चुनाव लड़ने जा रहे हैं . अमुक दल आपको उम्मीदवार बनाने जा रहा है .इस दशहरे पर आप क्या कहना चाहेंगे ?
भैया जी – देखो , दशहरा का अर्थ पहले समझो .दश हरा अर्थात विधान सभा के चुनाव में दस और प्रत्याशी भी खड़ा हो तो उसे हरा .हमने दशहरा पर ही पूरे विधान सभा क्षेत्र को दस भागों में बाँट दिया , सबका भार अलग – अलग भाग के सबसे दबंग को दिया गया है . हर एक भाग के दबंग को दस – दस हजार वोट दिलवाना है . सबने इसके इसके लिए दस खुंखारों को रखा है . वे सभी दसों विरोधियों से निबटेंगे .
खबरीलाल – मथुरा जी , आप पिछले पाँच वर्षों से टाउन थाना में हवलदार हैं . दशहरे पर आप क्या कहना चाहेंगे ? मथुरा जी – देखिए , त्यौहार आते ही हमलोग सतर्कता बढ़ाते हैं . चेकिंग से हमारा त्यौहार मन जाता है . चुनाव आते ही चेकिंग में ढेर माल पकड़ता है . माल वाला स्वामित्व से बचता है . हम उनकी मदद कर अपना स्वामित्व माल पर दे देते हैं .बँटने पर भी आधा तो बचा लेते हैं . दशहरा का मतलब है कि हरा दस अर्थात पचास रुपए के हरे नोट के दस बंडल . हर दिन कम से कम पचास हजार तो आए और आता रहे .
खबरीलाल – रवि बाबू , आप बैंक के बड़े अधिकारी रहे . दशहरे पर आप क्या कहना चाहते हैं ? रवि बाबू – दशहरे का आशय है बुराई पर सच्चाई की जीत .कभी सच्चाई , ईमानदारी , नैतिकता सच्चाई हुआ करती थी . कलियुग में यह बुराई है . झूठ , घूसखोरी , अनैतिकता अच्छाई है . यह सभी सफल आदमियों के पास बहुतायत से पायी जाती है . इसलिए कलियुग में भी हमें कलियुग की अच्छाई का साथ देकर बुराई को परास्त करना है .