तोहरे चरन में लगन लागि रघुबर…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु के चरण में जिसकी लगन लग गई उसका बेड़ा पार हो गया। गणिका, अजामिल, गिद्धराज जटायू, केवट, अहिल्या, शबरी आदि इसके उदाहरण हैं। इसी…

View More तोहरे चरन में लगन लागि रघुबर…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

राखहु लाज हमार प्रभू जी…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु अपने भक्तों की आर्त पुकार सुन कर अवश्य हीं उसकी रक्षा करते हैं । द्रौपती की आर्त पुकार सुन कर प्रभु ने उसकी लाज…

View More राखहु लाज हमार प्रभू जी…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्यारे ललना को मैया झुलावै पलना…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

माता कौशल्या बालक राम को पालने में झुला रही हैं। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना :—– प्यारे ललना को मैया झुलावै पलना…

View More प्यारे ललना को मैया झुलावै पलना…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

आजु जनक जी के अँगना….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु श्रीराम विवाह मंडप में सीता जी के साथ विराजमान हैं। सखियाँ कहती हैं कि आज जनक जी का आँगन कैसा सुहावना लग रहा है…

View More आजु जनक जी के अँगना….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

बन्दऊँ माता शारदे, गणपति गौरी महेश….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

वन्दना . बन्दऊँ माता शारदे, गणपति गौरी महेश । बन्दऊँ रघुबर चरन कमल, सीता लखन समेत ।। बन्दऊँ भरत शत्रूघन चरना, बन्दऊँ श्री महाबीर ।…

View More बन्दऊँ माता शारदे, गणपति गौरी महेश….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

आया मंगलमय नववर्ष ….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

नववर्ष के शुभ अवसर पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें मैने दर्शाया है कि किस प्रकार प्रकृति नववर्ष का स्वागत कर रही है :——…

View More आया मंगलमय नववर्ष ….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र