सखि री श्याम न आए…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है राधा जी की विरह वेदना पर मेरी ये रचना:—–

सखि री श्याम न आए ।
दिन बीतत मोरे बाट निहारत,
रैना नींद न आए ।
सखि री श्याम………..
जब से गए खबर नहिं लिन्हीं,
मोहे दियो विसराए ।
सखि री श्याम………..
काहे जोड़ी प्रीत किशन से,
अब मोरे मन पछताए ।
सखि री श्याम…………
निर्मोही भए कृष्ण कन्हैया,
दरश लागि तरसाए ।
सखि री श्याम………….

 

रचनाकार :

ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र