गिरिडीह। सदर प्रखंड अंतर्गत बेरदोंगा पंचायत के आदिवासी सरना धर्म छोड़ ईसाई धर्म मानने लगे हैं। जानकारी के अनुसार बेरदोंगा पंचायत काफी घनी आबादी वाला पंचायत है। जिसमे लगभग 2000 हजार की संख्या में आदिवासी निवास करते है। यहां के आदिवासी अब धीरे-धीरे ईसाई धर्म को अपना रहे हैं। एक दशक में लगभग 400 आदिवासी सरना धर्म को छोड़ ईसाई धर्म मानने लगे हैं। पूर्व में इस गांव के कई घरों के बाहर आदिवासी लोक संस्कृति की कलाकृतियां दिखती थी लेकिन जब से लोग ईसाई धर्म को मानने लगे है। यहां के घरों में ईसाई धर्म का प्रतीक चिह्न क्रॉस के निशान दिखने लगे हैं। वहीं धर्म परिर्वतन कर ईसाई बने लोग अब रविवार को चर्च जाते है और वहां आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल होते हैं।
ईसाई धर्म अपनाने वाले कुछ ग्रामीणों ने कहा कि ईसाई धर्म अपनाने से उनके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में काफी मदद मिली है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल रही है। वहीं बीमारी समेत अन्य समस्याओं में भी सहयोग मिलता है। ग्रामीण लालजी मुर्मू ने बताया कि जब से उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया उन्हें ईसाई समाज के लोगों से काफी मदद मिल रह है। बताया कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद कई लोगों की दशा में भी सुधार हुआ है।
इस बावत पूछे जाने पर बेरदोंगा पंचायत के मुखिया अर्जुन मरांडी ने बताया कि बेरदोंगा पंचायत में आदिवासियों की आबादी 2000 के करीब है। लगभग 400 आदिवासियों ने ईसाई धर्म अपनाया है। इन आदिवासियों ने ईसाई धर्म क्यों अपनाया।इसकी जानकारी से उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर किया है। हालांकि उन्हीने कहा कि अभी भी गांव में सरना धर्म को माननेवाले आदिवासियों की संख्या ज्यादा है।