एसडीएम कोर्ट द्वारा पक्ष में फैसला के बाद भी पुलिस ने नहीं किया सहयोग

पेंक नारायणपुर थाना में जमीनी विवाद में मारपीट, चार घायल
बोकारो थर्मल ः नावाडीह प्रखंड अंतर्गत पेंक नारायणपुर थाना अंतर्गत बोरवापानी में एक ही समुदाय के दो पक्षों में जमीनी विवाद को लेकर मारपीट की घटना में चार महिला एवं पुरुष गंभीर रूप से घायल हो गये। सभी घायलों का प्राथमिक इलाज डीवीसी बोकारो थर्मल हॉस्पिटल में डाॅ अमित कुमार की देखरेख में किया जा रहा है। घटना बुधवार दोपहर लगभग दो बजे की है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि बोरवापानी में प्रथम प़क्ष मो कुर्बान, अब्दुल अजीज तथा दूसरे पक्ष ताहिर अंसारी, नजीबुन खातून, इस्माइल अंसारी, नौशाद अंसारी, रुखसार खातून के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। विवाद को देखते हुए पेंक नारायणपुर थाना की पुलिस ने अनुमंडल दंडाधिकारी के न्यायालय में धारा 144 के तहत कार्रवाई करने को लिखा था। मामले में अनुमंडल दंडाधिकारी ने उक्त वाद 183/2024 के तहत सुनवाई के दौरान 8 जुलाई को प्रथम पक्ष के दावे को निरस्त करते हुए लिखा कि, विवादित जमीन दूसरे पक्ष की खरीदी हुई जमीन है, उक्त जमीन पर द्वितीय पक्ष का परिवार निर्मित मकान में परिवार के साथ रह रहे हैं, इसलिए धारा 144 के तहत कार्रवाई उचित नहीं है और वाद की कार्रवाई समाप्त की जाती है। 
बुधवार को दूसरे पक्ष के लोगों ने अपने मकान के आंगन में निर्माण कार्य आरंभ किया। निर्माण कार्य आरंभ करने के पूर्व दूसरे पक्ष के लोगों ने स्थानीय थाना में जाकर निर्माण की सूचना भी दी। दूसरे पक्ष के लोग एकजुट होकर लाठी एवं अन्य परंपरागत हथियार लेकर आये और सभी के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। हमले में 45 वर्षीय ताहिर अंसारी का सिर फट गया, 40 वर्षीय नजीबुन खातून का सिर फटा और हाथ में चोट आयी, 22 वर्षीय गर्भवती शबनम खातून की दोनों हथेली कट गई और 30 वर्षीय रुखसार के पीठ में चोटें आई हैं। घटना के बाद घायलों ने थाना जाकर थाना प्रभारी अनिल लिंडा को घटना की जानकारी दी। थाना प्रभारी ने सभी घायलों को उपचार के लिए ओडी स्लिप देकर बुधवार की शाम साढ़े पांच बजे डीवीसी बोकारो थर्मल हाॅस्पिटल भेज दिया। 
घायलों का कहना था कि पूरे मामले में अनुमंडल दंडाधिकारी कोर्ट द्वारा उनके पक्ष में फैसला आने पर भी पेंक नारायणपुर थाना की पुलिस पक्षपात कर रही है। मामले को लेकर थाना प्रभारी अनिल लिंडा ने पूछे जाने पर कहा कि अनुमंडल दंडाधिकारी की कोर्ट ने उक्त जमीनी विवाद में प्रथम पक्ष के द्वारा किये गये धारा 144 की कार्रवाई को निरस्त किया है, न कि दूसरे पक्ष को उक्त जमीन पर निर्माण कार्य आरंभ करने का आदेश जारी किया है। कहा कि निर्माण कार्य संबंधी आदेश अपने पक्ष में पारित करवाकर कार्य करें, पुलिस सहयोग करेगी। जबकि, अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा पारित आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि विवादित जमीन दूसरे पक्ष की खरीदी हुई है। इसके बावजूद पुलिस की अपनी दलील है।