इस अवसर पर मुख्य अतिथि डीआईजी सुरेंद्र कुमार झा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिविल डिफेंस का प्रशिक्षण केवल स्वयं की सुरक्षा नहीं है, बल्कि आप प्रशिक्षण लेकर अपने तथा अपने अगल-बगल रहने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान करेंगी। इस प्रशिक्षण सत्र में आपको बहुत तरह के नियम व कायदे-कानून बताए जाएंगे, जिसमें प्राथमिक चिकित्सा भी शामिल है। इस प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद आप समाज की सुरक्षा तो करेंगी ही, साथ ही प्रशासन की मदद भी करेंगी। उन्होंने कहा, ऐसा देखा जाता है कि जब कभी कोई अप्रत्याशित दुर्घटना अथवा वाद-विवाद होता है तो लोग सोशल मीडिया के सहारे या अन्य तरह से गलत दुष्प्रचार कर आम जनता को दिग्भ्रमित करने लगते हैं। आप वैसी स्थिति में वैसे लोगों की भी पहचान करेंगी और तुरंत स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना देंगी, ताकि इस पर कानूनी कार्रवाई की जा सके।
सिविल डिफेंस के डिविजनल वार्डन सह- राज्य प्रशिक्षण पदाधिकारी डॉ एसपी वर्मा ने इस तरह के प्रशिक्षण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं में सेवा भावना अत्यधिक होती है। प्रशिक्षण लेने के बाद आप पूरी तरह से सामाजिक सेवा करने के नियम और गुर सीख लेंगी, जिसमें आग लगी की घटना हो, किसी तरह की आपदा-विपदा हो, सड़क दुर्घटना हो या कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता हो, इन सब में आप भली-भांति उन सबों की सेवा कर सकती हैं।
विशिष्ट अतिथि बोकारो रेलवे स्टेशन के अधीक्षक अनंत कुमार सिन्हा ने सभी प्रशिक्षणार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण में एकाग्रचित होकर सभी गुर सीखने की आवश्यकता है, तभी आप एक बेहतर सिविल डिफेंस की जवान हो सकती हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम को बेहतर बनाने में कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर मंजू सिंह, सिविल डिफेंस के पोस्ट वार्डन डॉक्टर करण कुमार, कार्यालय सहायक मदन मुरारी झा, एनएसएस के योगेंद्र जी एवं कॉलेज के प्रोफेसर गणेश जी ने अपना पूरा योगदान दिया।