इधर पार्वती जी शिव जी को पती रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या कर रहीं हैं और उधर शिव जी अखण्ड समाधि में लीन…
View More कामदेव शिव को लुभाने चला………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
किन्हिं कठिन तप गिरिजा भवानी……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
पार्वती जी के माता पिता ने उन्हें तप करने के लिए वन में भेजा। पार्वती जी ने शिव जी को पति रूप में प्राप्त करने…
View More किन्हिं कठिन तप गिरिजा भवानी……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रमैया एक सपन हमने देखा……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
जब नारद जी ने पार्वती जी के माता-पिता को यह बताया कि पार्वती को तो अशुभ अमंगल वेषधारी पति मिलेगा और यह सब गुण शिव…
View More मैया एक सपन हमने देखा……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रसमरथ को नहिं दोष गोसाईं……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
जब नारद जी ने पार्वती जी के माता पिता को यह बताया कि तुम्हारी पुत्री को अशुभ अमंगल वेष धारण करने वाला पती मिलेगा और…
View More समरथ को नहिं दोष गोसाईं……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रहर्षित भई मैना रानी…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
माता सती ने शरीर त्यागने के पश्चात् राजा हिमाचल के घर उनकी पत्नी महारानी मैना के गर्भ से पुत्री रूप में अवतार लिया और माता…
View More हर्षित भई मैना रानी…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रजय हर हरी जय हर हरी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
हर और हरि अर्थात् भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की एक साथ वन्दना मेरी इस रचना के माध्यम से :—– जय हर हरी जय…
View More जय हर हरी जय हर हरी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रशीष गंग अर्द्धंग पार्वति………. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शिव जी पर लिखी गई मेरी ये रचना जिसमें मैने भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग का समावेश किया है :—– शीष गंग अर्द्धंग…
View More शीष गंग अर्द्धंग पार्वति………. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रशिव शंभू हमारा निराला रे……….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
शिव जी के निरालेपन पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना:—– शिव शंभू हमारा निराला रे । शमसान भस्म बदन पर धारे, गरवा में सर्पों की…
View More शिव शंभू हमारा निराला रे……….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रओ डमरू वाले बाबा दिखा राह रे…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है औढरदानी भोलेनाथ पर लिखी मेरी ये रचना :——- ओ डमरू वाले बाबा दिखा राह रे । ममता की पट्टी बँधी आँख रे ।…
View More ओ डमरू वाले बाबा दिखा राह रे…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रश्री महादेव शिव अवढरदानी……….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
शिव जी पार्वती जी के साथ अपने धाम कैलाश पर्वत पर कैसी शोभा पा रहे हैं, इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना:—- …
View More श्री महादेव शिव अवढरदानी……….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र