जब सीता बनवास में प्रभु श्रीराम जी और सीता जी का मिलन हुआ तो सीता जी ने प्रभु श्रीराम से कहा कि हे स्वामी जब…
View More जब चली छोड़ कर साथ…………-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
राम गैलें अवधवा के त्याग सजनी…… -ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्री राम के बन जाने के पश्चात माता कौशल्या राम विरह में ब्याकुल हो कर बिलाप कर रही हैं और सखियों से अपनी विरह…
View More राम गैलें अवधवा के त्याग सजनी…… -ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रसाँवरे की लगन मोहे लागी……..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
जिन जिन लोगों ने प्रभु में लगन लगाई उनका बेड़ा पार हो गया । इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना—-— साँवरे की लगन…
View More साँवरे की लगन मोहे लागी……..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रदरश बिनु आवत नाहीं चैन….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु के दर्शन का प्यासा मन जब आर्त हो कर पुकारता है तो प्रभु उसको अवश्य दर्शन देते हैं और उसे संकट से उबारते हैं…
View More दरश बिनु आवत नाहीं चैन….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रआगे माइ राम नाम सब नाम में आगर….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
एक बार नारद जी ने भगवान राम से कहा कि हे प्रभु वैसे तो आपके अनेक नाम हैं और सब एक से बढ़ कर एक…
View More आगे माइ राम नाम सब नाम में आगर….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रअब रखियो तु लाज हमारी….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
द्रौपदी चीर हरण पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना। द्रौपदी की आर्त पुकार सुन कर भगवान कृष्ण ने उसकी लाज रखी। यही प्रसंग है मेरी…
View More अब रखियो तु लाज हमारी….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रभजले रे मन मातु जानकी….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है माता जानकी पर लिखी मेरी ये रचना :—— भजले रे मन मातु जानकी । प्रिया राम करुणा निधान की । भजले रे मन…
View More भजले रे मन मातु जानकी….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रशुभवा श्यामल पुरुषवा….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम सीता जी और लक्ष्मण जी के साथ जिस मार्ग से बन में जा रहे हैं उस मार्ग पर बसे गाँव के लोग प्रभु…
View More शुभवा श्यामल पुरुषवा….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रभवसागर के खेवैया जी पार लगादो….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में राग भैरवी में मेरी ये रचना:——- भवसागर के खेवैया जी पार लगादो । डूबत मोरि नैया जी पार…
View More भवसागर के खेवैया जी पार लगादो….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रराम नाम बोल भैया नेहिया लगाइ के….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
राम नाम का एक बार प्रेम से उच्चारण मात्र से मनुष्य भवसागर पार उतर जाता है। गिद्ध, अजामिल, गणिका, केंवट, अहिल्या, शबरी सब ने राम…
View More राम नाम बोल भैया नेहिया लगाइ के….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र