प्रस्तुत है छन्द में लिखी मेरी ये रचना शरणागत भजन के रूप में :— लागी लगन मोहे राम चरनन, मगन भयो मन भजन में ।…
View More लागी लगन मोहे राम चरनन, मगन भयो मन भजन में…….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
कब लोगे खबर मोरे राम……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना:— कब लोगे खबर मोरे राम , मैं तो आयो शरन में । मैं कामी क्रोधी…
View More कब लोगे खबर मोरे राम……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रबिराजो मन मन्दिर रघुबीर …………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
जब श्री रघुबीर जी मन मन्दिर में विराजमान होगें तो फिर किस लिए मन्दिर मन्दिर तीर्थ तीर्थ भटकना ? हे प्राणी तू मन को ही…
View More बिराजो मन मन्दिर रघुबीर …………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रप्रभु जी तुम भक्तन्ह के हितकारी …………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु के भक्त जब भी मोह के वश हुए हैं प्रभु ने उनकी रक्षा अवश्य की है। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना…
View More प्रभु जी तुम भक्तन्ह के हितकारी …………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रभजो रे मन नारायण श्रीहरी…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें मैंने भगवान विष्णु के दशावतार का वर्णन किया है:— भजो रे मन नारायण श्रीहरी । मत्स्य रूप जब धरी…
View More भजो रे मन नारायण श्रीहरी…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रमोहे लागि रे लगन हरि चरनन की……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
एक भक्त कहता है कि हे प्रभु जिस चरण से गंगा जी निकली, जिस चरण के स्पर्श से मुनि पत्नी अहिल्या तरि गई,जिस चरण को…
View More मोहे लागि रे लगन हरि चरनन की……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रप्रभु आपकी कृपा का, गुणगान कैसे गाऊँ…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
मनुष्य जब प्रभु के शरणागत हो जाता है तब प्रभु की अपार कृपा होती है। भक्त कहता है कि हे प्रभु मेरी बुद्धि तो छोटी…
View More प्रभु आपकी कृपा का, गुणगान कैसे गाऊँ…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रहरि ओम हरि ओम……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
हरि ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम, हरि ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम । शिव के डमरू से निकल रहा, हरि ओम…
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जीव ईश्वर की दुनिया से इस दुनिया में आता है और शरीर धारण करता है जिसमें सबसे उत्तम शरीर मनुष्य का होता है। जिस दुनिया…
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मनुष्य प्रभु को यत्र तत्र खोजते चलता है पर अपने अंतःकरण में झाँक कर नहीं देखता फिर भगवान मिलेगें कैसे ? प्रभु तो मनुष्य के…
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