प्रभु के भक्त जब भी मोह के वश हुए हैं प्रभु ने उनकी रक्षा अवश्य की है। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना…
View More प्रभु जी तुम भक्तन्ह के हितकारी …………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
भजो रे मन नारायण श्रीहरी…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें मैंने भगवान विष्णु के दशावतार का वर्णन किया है:— भजो रे मन नारायण श्रीहरी । मत्स्य रूप जब धरी…
View More भजो रे मन नारायण श्रीहरी…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रमोहे लागि रे लगन हरि चरनन की……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
एक भक्त कहता है कि हे प्रभु जिस चरण से गंगा जी निकली, जिस चरण के स्पर्श से मुनि पत्नी अहिल्या तरि गई,जिस चरण को…
View More मोहे लागि रे लगन हरि चरनन की……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रप्रभु आपकी कृपा का, गुणगान कैसे गाऊँ…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
मनुष्य जब प्रभु के शरणागत हो जाता है तब प्रभु की अपार कृपा होती है। भक्त कहता है कि हे प्रभु मेरी बुद्धि तो छोटी…
View More प्रभु आपकी कृपा का, गुणगान कैसे गाऊँ…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रहरि ओम हरि ओम……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
हरि ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम, हरि ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम । शिव के डमरू से निकल रहा, हरि ओम…
View More हरि ओम हरि ओम……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रसजनवाँ का लेके जइब नइहरवा………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
जीव ईश्वर की दुनिया से इस दुनिया में आता है और शरीर धारण करता है जिसमें सबसे उत्तम शरीर मनुष्य का होता है। जिस दुनिया…
View More सजनवाँ का लेके जइब नइहरवा………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रभजन चित लाइ करूँ जी प्रभु……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
मनुष्य प्रभु को यत्र तत्र खोजते चलता है पर अपने अंतःकरण में झाँक कर नहीं देखता फिर भगवान मिलेगें कैसे ? प्रभु तो मनुष्य के…
View More भजन चित लाइ करूँ जी प्रभु……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रकरम गति टारे नाहिं टरे ………..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
कर्म की गति टाले नहीं टल सकती। प्रभु बिरले किसी को मनुष्य शरीर देते हैं पर इस संसार में आकर मनुष्य प्रभु को भूल कर…
View More करम गति टारे नाहिं टरे ………..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रतेरी लीला अपरम्पार प्रभू………….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु की लीला अपरम्पार है। प्रभु के कुछ अलौकिक लीला का चित्रण मेरी इस रचना के माध्यम से प्रस्तुत है :— तेरी लीला अपरम्पार प्रभू…
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अगर मैं कहूँ कि प्रभु राम हमारे घर आए तो इस पर कोई विश्वास नहीं करेगा क्योंकि मैं तो एक अधम नीच प्राणी हूँ मेरे…
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