तीन महीने उस प्रदेश के सरकारी सभी कार्यालयों में खूब गहमा-गहमी रही। हर कोई इधर-उधर दौड़ता फिरने लगा। कार्यालय में सारे काम ठप्प। कोई कब…
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झूठ………… -डॉ प्रशान्त करण
झूठ के पाँव होते हैं . बड़ी तीव्र गति से दौड़ता है . इतनी तेज की तूफ़ान-आँधी भी पानी भरने चला जाए . यह रहस्यमय…
View More झूठ………… -डॉ प्रशान्त करणशिक्षक दिवस और मैं ——डॉ प्रशान्त करण
हमारे आर्यावर्त की सनातन संस्कृति इतनी अद्भुत रही कि गुरुकुल परम्परा तक छात्र हर दिवस को शिक्षक दिवस मानते रहे. पूरी श्रद्धा से शिक्षकों को…
View More शिक्षक दिवस और मैं ——डॉ प्रशान्त करणॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य मृत्विजय ….… – डॉ प्रशान्त करण
विद्वतजनों विगत सात दिनों के निरंतर पठन-पाठन, समझने के प्रयास व अल्प बुद्धि से चिंतन के बाद ऋग्वेद की प्रथम ऋचा ॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य…
View More ॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य मृत्विजय ….… – डॉ प्रशान्त करणकुविचार : बदलते संबंध………… – डॉ प्रशान्त करण
साधो ! बिना परिश्रम, उद्यम, मेधा के ही अल्पतम अवधि में सफलता के ही साथ सम्पन्नता प्राप्त करने की साधना में बदलते संबंध एक बहुमूल्य…
View More कुविचार : बदलते संबंध………… – डॉ प्रशान्त करणरोता किसान ………… – डॉ प्रशान्त करण
किसान की कई प्रजातियाँ हमारे राष्ट्र में बहुतायत से पायी जाती है. इनमें से सर्वाधिक संख्या उनकी है, जिन्हें वास्तविक रूप में किसानी से कोई…
View More रोता किसान ………… – डॉ प्रशान्त करणवह यात्री…………. -प्रशान्त करण
एक आदमी को ट्रेन में बिना टिकट चढ़ने की आदत पिछले पचास वर्षों से थी। कभी भी बिना टिकट यात्रा करते पकड़े ही नहीं गए…
View More वह यात्री…………. -प्रशान्त करणसीख माँ की………. – प्रशान्त करण
हम में से पंचानवे प्रतिशत लोग स्वयं गलतियाँ कर सीखते हैं और शेष पाँच प्रतिशत लोग ही दूसरों की गलतियों से सीख पाते हैं. लेकिन…
View More सीख माँ की………. – प्रशान्त करणपंछी उड़े आकाश………. -प्रशान्त करण
साधो ! पंछी जन्म से नहीं उड़ता. वह उड़ने के लिए तैयार होता है, बड़े बनने की नैसर्गिक प्रक्रिया से जुड़ता है. उड़ने के लिए…
View More पंछी उड़े आकाश………. -प्रशान्त करणसरस्वती वंदना………… प्रशान्त करण
सुबह ठीक आठ बजे रामलाल के उस नए युवा और अविवाहित किरायेदार, जो एक माह पूर्व ही आया था, के घर का द्वार पिछले सात…
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