कैसी करुणा प्रभू ने दिखाई……ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना जिसमें मैने प्रभु से कृतज्ञता प्रकट की है कि हे प्रभु आपने मुझ पर इतनी बड़ी कृपा की कि मेरा जीवन सँवर गया। मेरा अंतःकरण शुद्ध हो गया। मेरे मन के सारे मैल धुल गए :–

कैसी करुणा प्रभू ने दिखाई ,
मेरि मैली चदरिया सँवर गई ।
मोह ममता में मैं तो फँसा था प्रभू ,
घोर अँधियार में था भटकता प्रभू ,
कैसी दीपक प्रभू ने जलाई ,
मेरे अंतः में रश्मी बिखर गई ।
कैसी करुणा प्रभू ने दिखाई ,
मेरि मैली चदरिया………..
मैं तो कामी और क्रोधी था लोभी प्रभू ,
मैं तो कपटी था विषयी और भोगी प्रभू ,
कैसी किरपा कि बरसा बरसाई ,
मेरे मन की पताका फहर गई ।
कैसी करुणा प्रभू ने दिखाई ,
मेरि मैली चदरिया………..
मेरि नौका भँवर में पड़ी थी प्रभू ,
नाहिं पतवार नाहीं खेवैया प्रभू ,
कैसी करुणा बयार बहाई ,
मेरि नैया भँवर से उबर गई ।
कैसी करुणा प्रभू ने दिखाई ,
मेरि मैली चदरिया………..

रचनाकार

 
   ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

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