हे कृष्ण पुकार रही जननी…. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें माता देवकी के उद्धार की कामना भगवान कृष्ण से की गई है :——

हे कृष्ण पुकार रही जननी,
जननी को बन्धन मुक्त करो ।
क्या तुम्हे पता है कृष्ण क्यूँ,
जननी ने तेरा त्याग किया ।।
क्या तुम्हे पता है कृष्ण,
हृदय पर कितने बज्र प्रहार सहा ।
अब उठो चक्र धारण कर लो,
मथुरा का तुम उद्धार करो ।
हे कृष्ण पुकार रही जननी,
जननी को बन्धन मुक्त करो ।।
तेरे जीवन की रक्षा को,
जननी ने तेरा त्याग किया ।
तेरे जीवन की रक्षा को,
छाती को कुलिस कठोर किया ।
अब चलो त्याग ब्रजभूमी को,
मथुरा में कंस संहार करो ।
हे कृष्ण पुकार रही जननी,
जननी को बन्धन मुक्त करो ।।

 

रचनाकार


ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

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