प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना:—
कब लोगे खबर मोरे राम ,
मैं तो आयो शरन में ।
मैं कामी क्रोधी और लोभी ,
पापी कुटिल विषयी और भोगी ,
अधम कपट के धाम ।
मैं तो आयो शरन में ।
कब लोगो खबर मोरे राम…….
कितने अधम तेरी शरन में आए ,
तिन्हके प्रभू अपराध भुलाए ,
पहुँचायो प्रभू निज धाम ।
मैं तो आयो शरन में ।
कब लोगे खबर मोरे राम…….
शबरी अहिल्या अजामिल को तारे ,
पापी अधम तरि गए सब सारे ।
लेकर तुम्हारा हीं नाम ।
मैं तो आयो शरन में ।
कब लोगे खबर मोरे राम….….
रचनाकार
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र