WJAI संवाद: डिजिटल मीडिया की ताकत बड़ी, जिम्मेदारी उससे भी बड़ी – संविधान में आजादी के साथ बंदिशें भी जरूरी

पटना, 20 अप्रैल 2025 – वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WJAI) द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में शनिवार की शाम डिजिटल मीडिया की भूमिका, पत्रकारों की जिम्मेदारियों और भारतीय संविधान के अंतर्गत तय सीमाओं पर गहन चर्चा हुई। पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं WJAI की स्वनियामक इकाई WJSA के विधिक सदस्य किंकर कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया आज के समय में सूचना के संप्रेषण का सबसे तेज और प्रभावशाली माध्यम बन चुका है। रियल टाइम में खबरें प्रसारित कर पाने की इसकी क्षमता ने इसे पारंपरिक मीडिया से अलग पहचान दी है। हालांकि, इस स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारियों का निर्वहन भी अनिवार्य है।

किंकर कुमार ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, लेकिन अनुच्छेद 19(2) इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक प्रतिबंध भी लगाता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक व्यवस्था और व्यक्ति की प्रतिष्ठा की रक्षा की जा सके। इसलिए पत्रकारों को यह समझना जरूरी है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी भी प्रकार की अफवाह या झूठी जानकारी फैलाना नहीं है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि डिजिटल पत्रकारों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 एक महत्वपूर्ण कानून है, जो न केवल वेब पत्रकारिता बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू होता है। इस कानून की धारा 67 आपत्तिजनक सामग्री के प्रकाशन के विरुद्ध दंड का प्रावधान करती है, जबकि धारा 9 सरकार को जाँच की शक्ति देती है।

कॉपीराइट के विषय में उन्होंने बताया कि पत्रकारों को यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी सामग्री का अनधिकृत उपयोग कानूनन अपराध है और इसके लिए सजा का प्रावधान है। डिजिटल युग में तेजी से खबर देने की होड़ में इस तरह की सावधानियों की अनदेखी नहीं की जा सकती।

उन्होंने वर्ष 2021 में केंद्र सरकार द्वारा जारी डिजिटल मीडिया गाइडलाइंस की भी चर्चा की, जिसमें ग्रेस रिड्रेसल मैकेनिज्म को अनिवार्य किया गया है। इसके तहत खबरों पर आपत्ति की स्थिति में समाधान की प्रक्रिया तय की गई है – पहले पब्लिशर द्वारा, फिर स्वनियामक संस्थाओं द्वारा।

किंकर कुमार ने यह भी कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51(ए) प्रत्येक नागरिक को उसके मूल कर्तव्यों की याद दिलाता है, और वेब पत्रकार पहले एक नागरिक हैं, फिर पत्रकार। ऐसे में उन्हें संवैधानिक मर्यादाओं में रहकर कार्य करना चाहिए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में WJAI की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. लीना ने स्वागत भाषण दिया। संचालन राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अमित रंजन ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल ने किया। इस संवाद कार्यक्रम में WJAI के अन्य पदाधिकारी – सचिव मधूप मणि पिक्कू, कोषाध्यक्ष मंजेश कुमार, कार्यालय सचिव अकबर इमाम, बिहार प्रदेश अध्यक्ष बालकृष्ण, प्रदेश महासचिव नमन मिश्रा सहित कई पत्रकार, सदस्य और पत्रकारिता के छात्र वर्चुअली जुड़े।

यह संवाद न केवल पत्रकारों के लिए जानकारीपूर्ण रहा, बल्कि डिजिटल मीडिया की दिशा और दशा को लेकर एक जिम्मेदार विमर्श का भी मंच बना।