रघुबीर कृपालु दयालु प्रभू…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना:———

रघुबीर कृपालु दयालु प्रभू ,
मोहे शरण में अपनी राख प्रभू ।
मैं अधम कुटिल खल कामि प्रभू ,
तुम अधम उधारन स्वामि प्रभू ,
अब मोहे उबार कृपालु प्रभू ,
मोहे शरण में अपनी राख प्रभू ।
रघुबीर कृपालु दयालु———–
तुम शरणागत हितकारि प्रभू ,
मैं आयो शरण तुम्हारि प्रभू ,
अब करहु कृपा हे कृपालु प्रभू ,
मोहे शरण में अपनी राख प्रभू ।
रघुबीर कृपालु दयालु———–
तुम भवसागर के खेवैया प्रभू ,
मेरी डूब रही है नैया प्रभू ,
अब पार उतार कृपालु प्रभू ,
मोहे शरण में अपनी राख प्रभू ।
रघुबीर कृपालु दयालु———–

 

रचनाकार

 
   ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र