बोकारो ः बोकारो इस्पात नगर में रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बड़े ही धूम-धाम से निकाली गयी। विधिवत पूजा-अर्चना के साथ देव प्रतिमाओं को मंदिर प्रांगण से बाहर लाया गया और रथ पर आसीन किया गया। रथ की सफाई का कार्य छेरा-पन्हारा बीएसएल के निदेशक प्रभारी बीरेंद्र कुमार तिवारी ने किया। इस अवसर पर अधिशासी निदेशक (परियोजनाएं, अतिरिक्त प्रभार एमएम) चित्तरंजन मोहापात्रा, अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा) सुरेश रंगानी, अधिशासी निदेशक (एचआर, अतिरिक्त प्रभार संकार्य) राजन प्रसाद, अधिशासी निदेशक (एसआरयू) पी.के. रथ, अधिशासी निदेशक (कोलियरीज़) अनूप कुमार, बोकारो महिला समिति की सदस्य एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा श्रद्धालु उपस्थित थे।
नगर वासियों के सम्मिलित प्रयास से रथ यात्रा सेक्टर-4 स्थित जगन्नाथ मंदिर परिसर से आरम्भ हुई। पूरे रास्ते नगरवासी तथा श्रद्धालु बारी-बारी से रथ खींचने में अपना योगदान देकर पुण्य अर्जन करते रहे। रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से बोकारो जनरल अस्पताल, गांधी चौक सिटी सेंटर, पत्थरकट्टा चौक तथा राम मंदिर चौक होते हुए राम मंदिर पहुंची।
दरअसल, रथ यात्रा का आयोजन प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ महाप्रभु अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजते हैं और रथ में सवार होकर सेक्टर-1 स्थित श्रीराम मंदिर जाते हैं। सनातन धर्म में रथ यात्रा का खास महत्व है। यहां भगवान 7 दिनों तक आराम करते हैं। इस बीच राम मंदिर में खास तैयारियां की जाती हैं। इसके पश्चात श्री जगन्नाथ भगवान की जगन्नाथ मंदिर में वापसी के लिए यात्रा शुरू होती है। रथयात्रा का सबसे खास महत्व यह है कि यह पूरे भारतवर्ष में एक महोत्सव की तरह निकाली जाती है।