लक्ष्मण जी को शक्ति बाण लगा हुआ है । हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने गए हैं । प्रभु श्री राम भाई का सिर गोद में…
View More बबुआ भाइ के बचनियाँ सुनि के बोल बबुआ…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
रघुबीर शरन तेरी आयो जी….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :—– रघुबीर शरन तेरी आयो जी । कितने पापि शरन तेरी आए , करि के…
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भक्ति की जोति सदा तु जलाओ . (सवैया) — जो तोहे प्रीत लगी हरि चरनन, भक्ति की जोति सदा तु जलाओ। हैं प्रभु दीनदयालु कृपालु,…
View More जो तोहे प्रीत लगी हरि चरनन….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रसिंहासन त्यागि राम बन आए….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम राजसिंहासन त्याग कर वन में चले आए हैं और वन वन भटकते अपार दुख सहते भ्रमण कर रहे हैं। मुनियों का वेष धारण…
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प्रस्तुत है गणेश जी पर लिखी भोजपुरी में मेरी ये रचना :——— जय गणेश गजबदन विनायक , लाज राखीं जी । रउरा शरन में हम…
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प्रभु श्री राम बन में चले गए हैं और भरत जी प्रभु विरह में ब्याकुल हो कर विलाप कर रहे हैं । इसी प्रसंग पर…
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जब मुरलीमनोहर कृष्ण की मुरली बजने लगती थी तब राधा मुरली की मधुर धुन सुनकर सुधबुध खोकर नाचने लगती थी। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है…
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रे बन्दे! ईश्वर तुम्हें मानव शरीर देकर इसलिए पृथ्वी पर भेजता है कि तुम प्राणी मात्र से प्रेम करोगे, अपने मीठे वचनों से सबके हृदय…
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प्रभु श्रीराम का वन से अयोध्या लौटने को एक दिन शेष है। माता कौशल्या व्याकुल हैं कि राम अब तक आए क्यों नहीं ? सखियों…
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रे मन! तू क्यों नहीं राम का नाम लेता है ? जिस नाम को लेकर गणिका, गिद्ध, अजामिल आदि अधम तर गए उसी नाम को…
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