प्रभु मोरे तुम बिन कौन उबारे…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना:— प्रभु मोरे तुम बिन कौन उबारे । बीच भवँर में नाव पड़ी है, डूबि रह्यो…

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लगन लागि तोह से, राम रघुरैया………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु से जसकी लगन लग गई वह भवसागर पार उतर गया। गणिका, गिद्ध, अजामिल, केंवट, शबरी, अहिल्या आदि सभी ने प्रभु के चरण में नेह…

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बना लो प्रभू मेरे दिल में ठिकाना …… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु से एक विनती कि हे प्रभु मेरे हृदय में अपना घर बनालो। मैं तो जप तप योग पूजा तो कुछ जानता नहीं बस भजन…

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चरन तुम्हारे पावन रघुबर……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु के दर्शन के लिए भक्त की व्याकुलता को दर्शाती प्रस्तुत है मेरी यह रचना:— चरन तुम्हारे पावन रघुबर, दर्शन को हैं प्यासे नैना ।…

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नाथ हमरो के तारीं शरन अइनी जी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है भोजपुरी में शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :- नाथ हमरो के तारीं शरन अइनी जी । गणिका के तरनी अजामिल…

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तूने दिया जो हे प्रभू……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

जो भी प्रभु ने दिया उसे प्रभु का प्रसाद समझ कर सहर्ष स्वीकार करना चाहिए और उसे प्रभु को हीं समर्पित कर ग्रहण करना चाहिए।…

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ओ हरी जी! कब लोगे खबर हमारी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी रचना:—– ओ हरी जी! कब लोगे खबर हमारी । काम क्रोध मद में, उमरिया बितायो प्रभु जी,…

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राम तेरे भरोसे कटे जिन्दगी…..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

हे प्रभु मैने तो अपने आप को तुम्हारे हीं भरोसे छोड़ दिया है अब चाहे शरण में राखो या त्याग दो, अब तो मेरा कोई…

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रघुबीर कृपालु दयालु प्रभू…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना:——— रघुबीर कृपालु दयालु प्रभू , मोहे शरण में अपनी राख प्रभू । मैं अधम कुटिल…

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क्यूँ न आए प्रभू मैं बुलाता रहा…….   ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु के लिए एक भक्त की व्याकुलता और उसकी आर्त पुकार मेरी इस रचना के माध्यम से:—– क्यूँ न आए प्रभू मैं बुलाता रहा ।…

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