मैनें इस रचना को तब लिखा था जब सारा विश्व कोरोना वायरस के संकट से त्रस्त था। मैने अपनी इस रचना के माध्यम से माँ दुर्गा से इस संकट से निवृत्ति के लिये विनती की है। प्रस्तुत है मेरी यह रचना :—–
शरणागतम् त्वम् पाहिमाम् ,
मातेश्वरी सर्वेश्वरी ।
रक्ष रक्ष मातु दुर्गे ,
भक्ष कोरोना आसुरी ।
शरणागतम् त्वम् पाहिमाम् ,
मातेश्वरी सर्वेश्वरी ।
संकट कठिन छाया हे देवी ,
सकल सृष्टी त्रस्त है ।
रक्षा करो परमेश्वरी ,
सारा जगत भयग्रस्त है ।
शरणागतम् त्वम् पाहिमाम् ,
मातेश्वरी सर्वेश्वरी ।
अब तूहि संकटहारिणी ,
माँ तूहि रक्षाकारिणी ।
अब तूहि भव भय हारिणी ,
माँ तूहि जगत उबारिणी ।
शरणागतम् त्वम् पाहिमाम् ,
मातेश्वरी सर्वेश्वरी ।
रचनाकार :
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र