सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। 19 – 20 सितम्बर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झारखंड के वाहनों के लिए बंगाल का बॉर्डर…
View More ये ममता बनर्जी की झारखंड की राजनीति है क्या?Category: EDITORIAL
‘एक देश, एक चुनाव’ – लोकतंत्र की दिशा में क्रांतिकारी कदम
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। भारत एक विशाल लोकतंत्र है, जहां हर साल किसी न किसी राज्य या क्षेत्र में चुनाव होते रहते हैं। ये…
View More ‘एक देश, एक चुनाव’ – लोकतंत्र की दिशा में क्रांतिकारी कदमभाजपा की परिवर्तन यात्रा: केवल आरोप या वास्तविक बदलाव?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा पुष्पेश। झारखंड में भाजपा की परिवर्तन यात्रा हाल ही में सुर्खियों में है, और इसका कारण सिर्फ यात्रा का आयोजन नहीं,…
View More भाजपा की परिवर्तन यात्रा: केवल आरोप या वास्तविक बदलाव?पत्रकारों की सुरक्षा: समय की पुकार, राष्ट्र की जिम्मेदारी
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा पुष्पेश। भारत में पत्रकारिता आज अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। सच की आवाज़ को बुलंद करने और जनता…
View More पत्रकारों की सुरक्षा: समय की पुकार, राष्ट्र की जिम्मेदारीजमानत पर राजनीति: अदालत का फैसला या चुनावी मुद्दा?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। जमानत! एक ऐसा शब्द जो कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा होते हुए भी चुनावी मौसम में जादूई असर दिखाने लगता है।…
View More जमानत पर राजनीति: अदालत का फैसला या चुनावी मुद्दा?झारखंड में भाजपा की रणनीति पर प्रश्नचिन्ह
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। बुधवार को बोकारो, धनबाद, गिरिडीह सहित झारखण्ड के कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की रायशुमारी बैठक में जमकर हंगामा हुआ। प्रत्याशी…
View More झारखंड में भाजपा की रणनीति पर प्रश्नचिन्हकिशोरियों के अपने जीवन के सम्मान में स्वतंत्र निर्णय लेने हेतु सक्षम बनाना होगा
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। किशोरावस्था जीवन का वह महत्वपूर्ण दौर है, जब व्यक्ति अपनी पहचान, मानसिकता, भावनाएं और सामाजिक स्थिति को गहराई से समझने लगता…
View More किशोरियों के अपने जीवन के सम्मान में स्वतंत्र निर्णय लेने हेतु सक्षम बनाना होगास्वामी विवेकानंद की शिकागो धर्मसभा: आधुनिक युग का आध्यात्मिक आदर्श
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। इतिहास के पन्नों में दर्ज हर तारीख अपने आप में एक खास महत्व रखती है, लेकिन 11 सितम्बर 1893 की तारीख…
View More स्वामी विवेकानंद की शिकागो धर्मसभा: आधुनिक युग का आध्यात्मिक आदर्शभारतीय मीडिया में दलित संपादक: जातिवाद की नई व्याख्या या बौद्धिक पतन?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। अगर आप भारतीय मीडिया में दलित संपादकों की संख्या जानने का प्रयास कर रहे हैं, तो बधाई हो! आप उस जटिल…
View More भारतीय मीडिया में दलित संपादक: जातिवाद की नई व्याख्या या बौद्धिक पतन?झारखंड में वंशवाद का नया अध्याय, समर्पित कार्यकर्ताओं का क्या होगा ?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। झारखंड में इस बार विधानसभा चुनाव का नया रंग जमने वाला है, और इसकी वजह भी खास है। चुनावी मैदान में…
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