सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। झारखंड की राजनीति ने 2024 के विधानसभा चुनावों के निकट आते ही एक नई दिशा लेना शुरू कर दी है।…
View More झारखंड की राजनीति: 2024 विधानसभा चुनाव किसके पाले मेंCategory: EDITORIAL
क्या एनडीए झारखंड में 2019 की गलतियों को सुधार पाएगा?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। क्या झारखंड में इस बार एनडीए गठबंधन अपनी पिछली रणनीतिक चूकों से कुछ सीखेगा? क्या चंपई सोरेन का भारतीय जनता…
View More क्या एनडीए झारखंड में 2019 की गलतियों को सुधार पाएगा?यशवंत सिन्हा का नया दल: झारखंड की राजनीति में बदलाव?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ तब आया जब पूर्व बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक…
View More यशवंत सिन्हा का नया दल: झारखंड की राजनीति में बदलाव?झारखंड की ताज़ा परिस्थितियां सोचनीय
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। झारखंड में हाल ही के दिनों में कई प्रमुख घटनाएँ सुर्खियों में रही हैं, जिन्होंने राज्य की राजनीतिक, सामाजिक और…
View More झारखंड की ताज़ा परिस्थितियां सोचनीयझारखंड विधानसभा चुनाव 2024: भाजपा ने किस पर लगाया दांव – अमर बाउरी या चंपई सोरेन?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज़ हो चुकी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए…
View More झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: भाजपा ने किस पर लगाया दांव – अमर बाउरी या चंपई सोरेन?ये ममता बनर्जी की झारखंड की राजनीति है क्या?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। 19 – 20 सितम्बर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झारखंड के वाहनों के लिए बंगाल का बॉर्डर…
View More ये ममता बनर्जी की झारखंड की राजनीति है क्या?‘एक देश, एक चुनाव’ – लोकतंत्र की दिशा में क्रांतिकारी कदम
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। भारत एक विशाल लोकतंत्र है, जहां हर साल किसी न किसी राज्य या क्षेत्र में चुनाव होते रहते हैं। ये…
View More ‘एक देश, एक चुनाव’ – लोकतंत्र की दिशा में क्रांतिकारी कदमभाजपा की परिवर्तन यात्रा: केवल आरोप या वास्तविक बदलाव?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा पुष्पेश। झारखंड में भाजपा की परिवर्तन यात्रा हाल ही में सुर्खियों में है, और इसका कारण सिर्फ यात्रा का आयोजन नहीं,…
View More भाजपा की परिवर्तन यात्रा: केवल आरोप या वास्तविक बदलाव?पत्रकारों की सुरक्षा: समय की पुकार, राष्ट्र की जिम्मेदारी
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा पुष्पेश। भारत में पत्रकारिता आज अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। सच की आवाज़ को बुलंद करने और जनता…
View More पत्रकारों की सुरक्षा: समय की पुकार, राष्ट्र की जिम्मेदारीजमानत पर राजनीति: अदालत का फैसला या चुनावी मुद्दा?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। जमानत! एक ऐसा शब्द जो कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा होते हुए भी चुनावी मौसम में जादूई असर दिखाने लगता है।…
View More जमानत पर राजनीति: अदालत का फैसला या चुनावी मुद्दा?