सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। बुधवार को बोकारो, धनबाद, गिरिडीह सहित झारखण्ड के कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की रायशुमारी बैठक में जमकर हंगामा हुआ। प्रत्याशी…
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किशोरियों के अपने जीवन के सम्मान में स्वतंत्र निर्णय लेने हेतु सक्षम बनाना होगा
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। किशोरावस्था जीवन का वह महत्वपूर्ण दौर है, जब व्यक्ति अपनी पहचान, मानसिकता, भावनाएं और सामाजिक स्थिति को गहराई से समझने लगता…
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सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। इतिहास के पन्नों में दर्ज हर तारीख अपने आप में एक खास महत्व रखती है, लेकिन 11 सितम्बर 1893 की तारीख…
View More स्वामी विवेकानंद की शिकागो धर्मसभा: आधुनिक युग का आध्यात्मिक आदर्शभारतीय मीडिया में दलित संपादक: जातिवाद की नई व्याख्या या बौद्धिक पतन?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। अगर आप भारतीय मीडिया में दलित संपादकों की संख्या जानने का प्रयास कर रहे हैं, तो बधाई हो! आप उस जटिल…
View More भारतीय मीडिया में दलित संपादक: जातिवाद की नई व्याख्या या बौद्धिक पतन?झारखंड में वंशवाद का नया अध्याय, समर्पित कार्यकर्ताओं का क्या होगा ?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। झारखंड में इस बार विधानसभा चुनाव का नया रंग जमने वाला है, और इसकी वजह भी खास है। चुनावी मैदान में…
View More झारखंड में वंशवाद का नया अध्याय, समर्पित कार्यकर्ताओं का क्या होगा ?माझी जो नाव डुबोए उसे कौन पार लगाए
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा के साथ राहुल गांधी ने एक और नई गारंटी दी है – “इंडी गठबंधन की अगली…
View More माझी जो नाव डुबोए उसे कौन पार लगाएकांग्रेस के भविष्य पर संकट: राहुल और प्रियंका की अनुभवहीनता का असर
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। भारतीय राजनीति में कांग्रेस पार्टी की मौजूदा स्थिति किसी से छिपी नहीं है। कभी देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी हुआ…
View More कांग्रेस के भविष्य पर संकट: राहुल और प्रियंका की अनुभवहीनता का असरसंविधान और राज्य सरकारों का नया खेल: अधिकारों का बंटवारा या सर्कस?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। क्या आप जानते हैं कि भारत के संविधान के साथ अब एक नया खेल खेला जा रहा है? जी हाँ, यह…
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सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। राष्ट्रवाद का भारतीय संदर्भ एक ऐसा विषय है, जो देश की सांस्कृतिक, सामाजिक, और राजनीतिक धारा के मूल में समाहित है।…
View More राष्ट्रवाद और भारतीय मीडिया की जिम्मेदारीराष्ट्रीय एकता में बाधक तत्व
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। राष्ट्र की एकता, शक्ति और प्रगति का मुख्य आधार है। जब देश के नागरिक एकजुट होते हैं, तो राष्ट्र भी सक्षम…
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