देशभक्ति समूह-गान के जरिए डीपीएस के बच्चों ने कारगिल विजय के सेनानियों को किया नमन

बोकारो। डीपीएस बोकारो में चल रहे सांस्कृतिक उत्सव ‘तरंग’ के दूसरे दिन बुधवार को अंतर सदन समूहगान प्रतियोगिता आयोजित की गई। देशभक्ति थीम पर आधारित इस प्रतियोगिता के साथ 24वां कारगिल विजय दिवस भी मनाया गया। विद्यालय के सभी छह सदनों के विद्यार्थियों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया। कक्षा – 6 से 12वीं के छात्र-छात्राओं ने अलग-अलग समूहों में राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। तिरंगा वाले आकर्षक पारंपरिक परिधानों में सजे-संवरे बच्चों ने अपने गीतों के जरिए कारगिल विजय के शहीदों को नमन किया। गायन में उनका आपसी सामंजस्य, उनकी लयबद्धता के साथ सुरीली प्रस्तुति को सभी ने खूब सराहा।
        इस कड़ी की शुरुआत रावी सदन की टीम ने हम भविष्य हैं, हम हैं भावी भारत की पहचान… की सुमधुर प्रस्तुति से की और देश का जिम्मेदार नागरिक बनने का संदेश दिया। इसके बाद चेनाब सदन के विद्यार्थियों ने चित्रकार तू चित्र बना दे वीर जवानों का… प्रस्तुत कर सैनिकों के प्रति सम्मान व कृतज्ञता का भाव व्यक्त किया। गंगा सदन की टीम ने चल पड़े कदम जिस ओर…. से राष्ट्रभक्ति की राह पर आगे बढ़ने का संदेश दिया। झेलम हाउस की टीम ने उठो अपने वतन के लिए बाजी लगा दो अपनी जान की… की जोशीली प्रस्तुति से उपस्थित सभी लोगों में राष्ट्रप्रेम का जज्बा भर दिया। इसके बाद जमुना हाउस के बच्चों ने कोटि-कोटि कंठों ने गाया… और अंत में सतलज हाउस के दल ने सूरज बदले, चंदा बदले… प्रस्तुत कर भारत-भूमि की गरिमा का बखान किया। इस दौरान राष्ट्र-ध्वज तिरंगा लहराता रहा और पूरा विद्यालय परिसर वंदे मातरम एवं भारत माता की जय के नारों से भी गूंजता रहा। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर सतलज हाउस ने प्रथम, चेनाब सदन ने द्वितीय तथा गंगा सदन ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। निर्णायकों की भूमिका में प्राइमरी विंग के शिक्षक निमेष राठौर, जयप्रकाश सिन्हा एवं प्रियंका शामिल रहीं।
    विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने बच्चों की प्रस्तुतियों को सराहते हुए विद्यार्थियों में राष्ट्र-प्रेम की भावना अनिवार्य बताई। उन्होंने कहा कि यह वीरों की धरती है, बलिदानों की भूमि है। वर्षों के अथक संघर्ष के बाद आज हम स्वतंत्र भारत में चैन की सांस ले पा रहे हैं। इस संघर्ष की अहमियत बच्चों को बतानी होगी। आज सरहद पर तैनात हमारे सैनिक सही मायने में राष्ट्रनायक हैं, जिनसे बच्चों को प्रेरित होने की जरूरत है और इस दिशा में ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभागिता को बच्चों के समग्र व्यक्तित्व-विकास में सहायक बताया। इस क्रम में कारगिल युद्ध में शामिल रहे विद्यालय के शिक्षक फूल कुमार चौबे को प्राचार्य ने पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम का सुरुचिपूर्ण संचालन छात्र अभिषेक आनंद एवं छात्रा कुमारी कृपा ने किया। अंत में विद्यालय की सांस्कृतिक सचिव छात्रा लीजा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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