10 से 15 फरवरी तक आयोजित होगी 68वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट

राँची: झारखंड की राजधानी राँची इस बार 68वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट की मेजबानी करने जा रही है। झारखंड पुलिस मुख्यालय ने इस भव्य आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह कार्यक्रम 10 फरवरी से 15 फरवरी तक चलेगा, जिसमें देशभर के पुलिस अधिकारी और कर्मी भाग लेंगे।

मुख्य उद्देश्य और कार्यक्रम की रूपरेखा

अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट का मुख्य उद्देश्य पुलिस बलों के बीच अनुभव और ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। इस आयोजन में आतंकवाद, नक्सलवाद, साइबर अपराध और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से निपटने के लिए रणनीतियों और तकनीकों पर चर्चा की जाएगी।

इस दौरान, नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो अपराधों की रोकथाम और अपराधियों को पकड़ने में मददगार साबित होंगे। साथ ही, अंतरराज्यीय अपराधों पर नियंत्रण के लिए विभिन्न राज्यों के पुलिस बल के बीच समन्वय को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।

प्रतिभागियों की सूची और संख्या

ड्यूटी मीट में देशभर के 1500 से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मी शामिल होंगे। इसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, बीएसएफ, छत्तीसगढ़, सीआरपीएफ, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, आईटीबीपी, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, रेलवे सुरक्षा बल, एसएसबी, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों और बलों के दल भाग लेंगे।

प्रमुख लाभ

  1. अंतरराज्यीय समन्वय: विभिन्न राज्यों के पुलिस बल के बीच बेहतर समन्वय से अंतरराज्यीय अपराधों पर रोक लगेगी।
  2. तकनीकी प्रगति: नवीनतम तकनीकों और उपकरणों की जानकारी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को और अधिक प्रभावी बनाएगी।
  3. अनुभव साझा करना: विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी अपने अनुभव साझा करेंगे, जिससे नई सीख और रणनीतियों का विकास होगा।
  4. आतंकवाद, नक्सलवाद और साइबर अपराध पर फोकस: इन चुनौतियों से निपटने के लिए नई और प्रभावी रणनीतियां तैयार की जाएंगी।

पुलिस ड्यूटी मीट का महत्व

यह वार्षिक आयोजन देश के पुलिस बलों के लिए एक ऐसा मंच है, जहां वे आपसी सहयोग से अपराधों पर नियंत्रण और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नई योजनाएं बना सकते हैं। यह आयोजन न केवल पुलिस बलों के बीच सामूहिक प्रयास को मजबूत करता है, बल्कि कानून व्यवस्था में आधुनिकता और प्रभावशीलता लाने में भी सहायक होता है।

झारखंड पुलिस द्वारा आयोजित इस आयोजन से न केवल राज्य को गौरव प्राप्त होगा, बल्कि इससे पुलिस बलों के कौशल और संसाधनों में भी वृद्धि होगी।