राम नाम की अद्भुत महिमा है। शिव जी ने राम नाम रुपी अनुपान मिला कर कालकूट हलाहल का पान कर लिया और सारे जगत की रक्षा की। राम नाम की महिमा को पा कर गणेश जी जगत में प्रथम पूज्य हो गए और नारद जी राम नाम को गा कर हीं देवर्षि कहलाए। राम नाम को रट कर हीं माता शबरी ने एक दिन प्रभु श्रीराम का दर्शन पाया और कैवल्य परमपद को प्राप्त किया। राम नाम के बल पर हीं हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम के दुर्लभ श्रीचरणों में स्थान पाया। राम नाम की महिमा को दर्शाती प्रस्तुत है मेरी ये रचना :—.
राम नाम की अस प्रभुताई, महिमा अमित बखानि न जाई । पी गए जहर भोले शिवशंकर , राम नाम अनुपान मिलाई । सकल जगत की रक्षा किन्हीं, आप प्रभू निलकंठ कहाई । राम नाम की अस प्रभुताई……. राम नाम की महिमा पा कर , गणपति जग में प्रथम पुजाई । राम नाम गुन गा गा करके , नारद देवर्षी कहलाई । राम नाम की अस प्रभुताई……. राम नाम रट कर शबरी ने , राम का एक दिन दर्शन पाई । राम नाम के बल हनुमत जी , राम चरन दुर्लभ थल पाई । राम नाम की अस प्रभुताई…….