जाने कहाँ गए वो दिन —-
जाने कहाँ गए वो दिन ???????
न बाग न बगिया न फूस की चटाई ।
न बरगद की छाँव न आम की अमराई ।।
जाने कहाँ गए वो दिन ???????
न यार न यारी न देवकी भौजाई ।
न चिक्का न कबड्डी न प्रेम की लड़ाई ।।
जाने कहाँ गए वो दिन ???????
न गूड़ के गट्टे न डाक्टर चाचा की मीठी दवाई ।
न रामू काका के लड्डू न हवा की मिठाई ।।
जाने कहाँ गए वो दिन ???????
न खेत न खलिहान न खनकती कलाई ।
न रही खेत में खाना पहुँचाने वाली लुगाई ।।
जाने कहाँ गए वो दिन ???????
रचनाकार :
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र