मंगलवार को पेश किए गए केंद्र सरकार के बजट में विकसित राष्ट्र और सधी राजनीति की झलक देखने को मिली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश किया, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। उनका बजट अभिभाषण केवल 1.25 घंटे का रहा, लेकिन यह फरवरी 2024 में पेश अंतरिम बजट की सोच और नीतियों की निरंतरता को कायम रखने वाला है। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने आम बजट में विकसित भारत का विस्तृत रोडमैप पेश करने का वादा किया था, और मंगलवार को उन्होंने यह वादा पूरा किया।
सरकार की नौ प्राथमिकताएं
विकसित भारत के रोडमैप के तहत नौ प्राथमिकताएं तय की गई हैं:
- कृषि में उत्पादकता
- रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
- मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
- मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर
- शहरी विकास
- ऊर्जा सुरक्षा
- इंफ्रास्ट्रक्चर
- इनोवेशन (शोध और विकास)
- अगली पीढ़ी के सुधार
इन सभी क्षेत्रों में की गई घोषणाओं का अधिकांश हिस्सा रोजगार के अवसर बढ़ाने पर केंद्रित है। वित्त मंत्री ने अपने अभिभाषण में रोजगार शब्द का कुल 57 बार इस्तेमाल किया। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में एसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने, रोजगारपरक उद्योगों के लिए आवश्यक कच्चे माल पर आयात शुल्क घटाने, निजी सेक्टर को प्रोत्साहित करने वाली घोषणाओं और पांच वर्षों में उद्योग के मुताबिक 20 लाख प्रशिक्षित युवाओं को तैयार करने की घोषणाओं ने रोजगार के मोर्चे पर उठ रहे राजनीतिक सवालों का उत्तर दिया है।
बिहार और आंध्र प्रदेश पर विशेष ध्यान
बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष घोषणाएं की गई हैं। बिहार की जदयू और आंध्र प्रदेश की टीडीपी केंद्र सरकार में प्रमुख सहयोगी दल हैं, और दोनों राज्यों के लिए विशेष पैकेज की मांग की जा रही थी। बिहार में एक्सप्रेसवे, बिजली परियोजना, हवाई अड्डों के निर्माण जैसे ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिए कुल 60 हजार करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा की गई है, जबकि आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी।
सरकार की नौकरियों और खर्च की योजना
सरकार अगले पांच वर्षों में 4.10 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसके लिए कुल दो लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 2030 तक देश में हर साल 78.5 लाख नौकरियों की आवश्यकता होगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने बजटीय प्रावधानों को लेकर कहा है कि इससे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद करेगा और एक विकसित देश बनेगा।
अन्य प्रमुख घोषणाएं
वित्त मंत्री ने स्टार्टअप सेक्टर पर लगाए जाने वाले एंजेल टैक्स को समाप्त करने की घोषणा की है। मोबाइल फोन, सोना और चांदी पर सीमा शुल्क को घटा दिया गया है, जिससे इनका आयात सस्ता होगा। मध्यम वर्ग को राहत देते हुए आयकर गणना में स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि को 50 से बढ़ाकर 75 हजार रुपये किया गया है, जिससे नई टैक्स व्यवस्था को अपनाने वाले करदाताओं को औसतन 17,500 रुपये की कर बचत होगी।
सरकार का खजाना मजबूत
आम बजट 2024-25 के दौरान सरकार की कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ रुपये और व्यय 48.21 लाख करोड़ रुपये का है। बाजार से उधारी 11.63 लाख करोड़ रुपये की है। इसके बावजूद, राजकोषीय घाटे को चालू वित्त वर्ष के दौरान 4.9% और अगले वित्त वर्ष 4.5% पर लाने को लेकर वित्त मंत्री पूरी तरह से आशान्वित हैं।