डीपीएस बोकारो में दो-दिवसीय द्वितीय जिलास्तरीय योग-आधारित क्रीड़ा प्रतियोगिता शुरू

  • योग उन्नत खेल ही नहीं, संपूर्ण विकास का आधार : विश्वविजेता विंध्यवासिनी

बोकारो : ‘योग केवल एक उन्नत खेल ही नहीं, बल्कि हमारे संपूर्ण विकास का आधार है। यह हमारे मन और तन को सुंदर बनाए रखता है। विद्यार्थियों के साथ-साथ हम सभी को अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करना चाहिए।’ यह कहना है कबड्डी की विश्वविजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहीं विंध्यवासिनी कुमारी सिन्हा का। शनिवार को वह डीपीएस बोकारो की मेजबानी में बोकारो डिस्ट्रिक्ट योगासन स्पोर्ट एसोसिएशन की ओर से आयोजित दो-दिवसीय द्वितीय जिलास्तरीय योग-आधारित क्रीड़ा प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। कबड्डी के शीर्षतम मुकाम पर पहुंचने के बावजूद अपने जीवन में लंबे संघर्ष के बाद वर्तमान में पुलिस पदाधिकारी तक का सफर तय करने वाली विंध्यवासिनी ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को जीवन में सफलता के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि अगर पूर्ण समर्पण के साथ निरंतर अभ्यास करेंगे तो निश्चय ही सफलता आपके कदम चूमेगी। वर्तमान में हजारीबाग महिला थाना प्रभारी के पद पर कार्यरत विंध्यवासिनी ने योग की महत्ता पर प्रकाश डाला। कहा कि वर्ष 2020 में खेल के रूप में योग को शामिल किए जाने के बाद इसकी प्रसिद्धि अब विद्यालयों के माध्यम से बच्चे-बच्चे तक पहुंच चुकी है और बच्चों में इसके प्रति रुचि भी जगी है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाती है। यह हमारे देश की इस प्राचीन विद्या की अहमियत है। इस अवसर पर बोकारो डिस्ट्रिक्ट योगासन स्पोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।


अगले ओलिंपिक का हिस्सा बना योग : डॉ. घोषाल
आरंभ में मुख्य अतिथि विंध्यवासिनी, प्राचार्य डॉ. गंगवार तथा प्रतियोगिता के निर्णायक प्रशांत सिंह, सोनाली सरकार, चैताली मुखर्जी, चंदू कुमार, डॉ. सुरजीत घोषाल, पूजा सिंह, रैना बांकर, ममता मांझी एवं ऋतिका जोशी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अपने स्वागत भाषण में झारखंड योगासन स्पोर्ट एसोसिएशन के तकनीकी प्रमुख डॉ. सुरजीत कुमार घोषाल ने संगठन की गतिविधियों तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि योगासन स्पोर्ट के तौर पर एशियन गेम्स में शामिल कर लिया गया है और अब आगामी ओलिंपिक के लिए यह डेमो गेम का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि योग से न केवल सेहत को लाभ हैं, बल्कि जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को उच्चतर शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ विभिन्न सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

बेहतर योगी बने विद्यार्थी : डॉ. गंगवार
एसोसिएशन की बोकारो इकाई के अध्यक्ष एवं डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने भारत की प्राचीनतम धरोहर योग की महत्ता से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कहा कि योग हमारे तन, मन और आत्मा को जोड़ता है। उन्होंने बच्चों को नियमित रूप से योगाभ्यास की आदत डालते हुए एक बेहतर योगी बनने की प्रेरणा दी। यह भी कहा कि प्रतियोगिता में हार-जीत से अधिक प्रतिभागिता महत्वपूर्ण है।

हैरतअंगेज योग मुद्राओं से बच्चों ने किया मंत्रमुग्ध
कार्यक्रम के उद्घाटन के पश्चात डीपीएस बोकारो की छात्राओं ने होके मगन मन ये गाए… और विद्यालय गीत आया है नया सवेरा… की सुरीली प्रस्तुति की। तत्पश्चात सूर्य नमस्कार एवं विभिन्न योग मुद्राओं पर आधारित आकर्षक प्रस्तुति से सबकी भरपूर सराहना पाई। छात्राओं ने शारीरिक स्फूर्ति एवं संतुलन का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हुए ब्रह्मा, विष्णु, महेश, समुद्र- मंथन तथा पंचतत्वों को बड़े ही सुंदर तरीके से दर्शाया। इसके पश्चात केरल के मार्शल आर्ट पर आधारित कलारीपयट्टू नृत्य की शानदार पेशकश की। तत्पश्चात मुख्य अतिथि ने प्रतियोगिता आरंभ करने की औपचारिक घोषणा की। इस अवसर पर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एवं डीपीएस बोकारो के उप प्राचार्य अंजनी भूषण व हरिहर पांडेय (क्रीड़ा शिक्षक, चिन्मय विद्यालय), सचिव ब्रजेश कुमार सिंह (क्रीड़ा शिक्षक, डीपीएस बोकारो), कोषाध्यक्ष राजन सिंह (प्रशासक, डीपीएस बोकारो) सहित एसोसिएशन के अन्य सदस्य तथा विभिन्न विद्यालयों के प्रतिभागी व उनके शिक्षक मौजूद रहे।

विभिन्न स्कूलों के 250 प्रतिभागी ले रहे भाग
प्रतियोगिता में मेजबान डीपीएस बोकारो सहित चिन्मय विद्यालय, जीजीपीएस चास व बोकारो तथा एआरएस पब्लिक स्कूल सहित विभिन्न विद्यालयों से लगभग 250 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। छह कैटेगरी में आयोजित इस प्रतियोगिता के पहले दिन अंडर- 9 जूनियर तथा अंडर – 14 सब-जूनियर बालक-बालिका वर्गों के लिए पारंपरिक योग आधारित प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। डीपीएस बोकारो के खेल सचिव सिद्धांत त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों को अनुशासन के साथ खेलने की शपथ दिलाई। प्रतियोगिता के दूसरे दिन रविवार को समापन समारोह के दौरान विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।