डीजीएम के खिलाफ जांच समिति गठित, दूसरे उपमहाप्रबंधक को मिला कार्यभार

बोकारो थर्मल ः डीवीसी मुख्यालय कोलकाता के ईडी एचआर राकेश रंजन के हस्ताक्षर से बोकारो थर्मल डीवीसी सिविल के डीजीएम विश्व मोहन गोस्वामी के खिलाफ तीन सदस्यों वाली एक जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी में मुख्यालय कोलकाता के चीफ जीएम एनडी गोविल, मेजिया के जीएम एचआर आरके रजक तथा मैथन के चीफ जीएम एसके सिन्हा शामिल हैं। बोकारो थर्मल के डीजीएम सिविल विश्व मोहन गोस्वामी के विरुद्ध शिकायत थी कि वे सिविल का कार्य सही तरीके से नहीं कर रहे हैं और सभी कार्य को लंबित किये हुए हैं। डीजीएम सिविल की कार्यप्रणाली को लेकर एचओपी आनंद मोहन प्रसाद ने सिविल विभाग का कार्यभार डीजीएम मैकेनिकल एसआर पांडा को सौंप दिया है।
बोकारो थर्मल में एसटीपी का कार्य करनेवाली कंपनी भरत जी पटेल ने भी डीजीएम सिविल की कार्यप्रणाली तथा फरवरी माह से कंपनी का बिल नहीं छोड़े जाने के कारण अपना कार्य बंद कर सभी मशीनरी एवं कामगारों को चंद्रपुरा शिफ्ट कर दिया था। बोकारो थर्मल के ही एक संवेदक रत्नेश कुमार शर्मा ने भी बिल नहीं छोड़े जाने को लेकर मुख्यालय को कई पत्र लिखें हैं तथा तेनुघाट सिविल कोर्ट में एक शिकायतवाद भी डीजीएम सिविल के खिलाफ दर्ज करवाई है। कोर्ट से मामला दर्ज करने को लेकर बोकारो थर्मल थाना में भेजा गया है। 20 अप्रैल को डीवीसी अध्यक्ष एस सुरेश कुमार, मेंबर तकनीकी एम रघुराम ने बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के ऐश पौंड का दौरा के क्रम में भी डीजीएम सिविल की कार्यप्रणाली को लेकर काफी नाराजगी जताते हुए बोकारो थर्मल के एचओपी आनंद मोहन प्रसाद से उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज देने को कहा था।