प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :— सम्हालो साँवरे मुझ को, अधम तेरी शरण आया है । तुम्हारा बिरद रह जाए,…
View More सम्हालो साँवरे मुझ को……… – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
दशरथ कौशल्या के प्रेम के वश…….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
बालक राम अपने बाल चरित्र के द्वारा कैसे सबके मन को हर लेते हैं इसी प्रसंग पर सवैया में प्रस्तुत है मेरी ये रचना:— दशरथ…
View More दशरथ कौशल्या के प्रेम के वश…….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रविधि हरि हर को प्रणाम हमारा….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है ब्रह्मा विष्णु महेश की एक साथ वन्दना मेरी इस रचना के माध्यम से :–– विधि हरि हर को प्रणाम हमारा । ब्रह्मा करहीं…
View More विधि हरि हर को प्रणाम हमारा….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रप्रभु मोरे रखियो अपनी शरन में….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :— प्रभु मोरे रखियो अपनी शरन में । तुम्हरेहिं माया के बश हो कर ,…
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जिन्दगी बहार हो बहार बन के रहना । सबके दिलों में तु प्यार बन के रहना ।। जिन्दगी बहार हो बहार बन के रहना ।…
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प्रस्तुत है विष्णु भगवान पर लिखी मेरी ये रचना :——- जय लक्ष्मीरमण बिहारी । शयन कियो प्रभु शेष नाग पर , रूप चतुर्भुज धारी ।…
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लक्ष्मण जी के समान कोई दूसरा बड़भागी नहीं है। सारे जगत से नाता तोड़ कर प्रभु श्रीराम के पीछे वन को चल दिए। श्रीराम चरण…
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सरस्वती वन्दना . हे विधात्री शुभ्रवस्त्रा,महाभागे महेश्वरी । मातेश्वरी ज्ञानेश्वरी, श्वेताम्बरा सर्वेश्वरी ।। हे विधात्री शुभ्रवस्त्रा………… अज्ञान हारिणि जगत तारिणि, पावनी परमेश्वरी । हे विद्यादायिनि…
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राम और श्याम . बड़ा हीं पावन हैं ये नाम, चाहे राम कहो या श्याम । दोनों भवसागर पार करावैं, दोनों भवबंधन मुक्त करावैं, दोनों…
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जिस मुख से भजन न हो उस मुख से निकली हुई वाणी शोभा नहीं पाती। जिन आँखों से प्रभु का दर्शन न हो अथवा दर्शन…
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