बहना नदी का स्वभाव है , चलते रहना सरिता की नियति है . पथ की सारी चुनौतियों को धता बताते बढ़ती रहती है . पथ…
View More बहती रही नदी………..प्रशान्त करणCategory: Literature
कुविचार : गति समय की………………प्रशान्त करण
साधो ! कहा जाता है कि समय गतिशील है . भगवान बुद्ध ने साँसों की यात्रा को जीवन माना , जो निरंतर गतिशील है .…
View More कुविचार : गति समय की………………प्रशान्त करणचाटूकारिता …………:प्रशान्त करण
चाटुकारिता एक साधना है। साधे से सधता है।सब से नहीं सधता! अभ्यास से यह सध सकता है। इसके साधक को बहुत कुछ त्याग करना पड़ता…
View More चाटूकारिता …………:प्रशान्त करणविकास क्षमता का………..प्रशान्त करण
साधो ! क्षमता हो तो विकास के साथ उसका विकास करना होता है. जो विकास के साथ नहीं चलता , विकास उसके साथ नहीं चलता…
View More विकास क्षमता का………..प्रशान्त करणन हुई भेंट उनसे……………….प्रशान्त करण
यह कौतुहल का विषय ही नहीं और न ही विषय है प्रेम का . न किसी प्रेमिका से न मिलने का , न जिनसे आवश्यक…
View More न हुई भेंट उनसे……………….प्रशान्त करणअभिनन्दन कराने की ललक…… -प्रशान्त करण
मुझे व्यवसायिक रूप से लिखते हुए कई वर्ष हो गए,अपना अभिनन्दन कराने के लिए ललक लिए फिर रहा हूँ।इस बीच मेरे कई जन्मदिन भी आए…
View More अभिनन्दन कराने की ललक…… -प्रशान्त करणरहा भागता सारी रात……..-प्रशान्त करण
रविवार की रात्रि सरकार से प्रत्यक्ष अथवा किसी प्रकार भी परोक्ष रूप से जुड़े लोगों के लिए निनांत रूप व्यक्तिगत क्षण होता है. संध्याकाल से…
View More रहा भागता सारी रात……..-प्रशान्त करणअनुभव इस बार के मतदान का……..प्रशान्त करण
जीवन के यात्रा में आगे बढ़ते हुए कई बार मतदान किया. जब छठी कक्षा में था तो उत्सुकता से घर के पास बने मतदान जेंडर…
View More अनुभव इस बार के मतदान का……..प्रशान्त करणभूले हुए सत्य की कथा ….. -प्रशान्त करण
कलियुग के प्रथम चरण में आर्यावर्त की पावन धरा पर ऋषि दुर्बुद्धि बड़े प्रसिद्द हुए . जन्म से ही वे अल्पतम समय और योग्यता के…
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